बंदना को 13 साल बाद बर्खास्त किया गया..फिर भी तीन साल से हक के लिए भटक रही असली वंदना -
Fri. Dec 8th, 2023
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फर्जी शिक्षिका : बंदना को 13 साल बाद बर्खास्त किया गया..फिर भी तीन साल से हक के लिए भटक रही असली वंदना

 गोरखपुर बीएसए रमेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि बंदना को अपना पक्ष रखने के लिए दो बार नोटिस जारी कर बुलाया गया था, लेकिन वह अब भी अपना पक्ष रखने नहीं आई हैं। अगर वह 26 सितंबर तक अपना पक्ष रखने कार्यालय नहीं पहुंचती है, तो इसकी रिपोर्ट हाईकोर्ट भेज दी जाएगी। वंदना और बंदना, नाम में थोड़ा भिन्नता है। इस छोटे से अंतर में चियन गई शिक्षिका वंदना ने नहीं पहचाना और उसके नाम पर नकली बंदना पांडेय ने नौकरी छिन ली। 

नकली शिक्षिका बंदना ने 13 साल तक काम किया, वेतन लिया, लेकिन जांच में पकड़ी गई। उसे जेल भेजा गया और बर्खास्त कर दिया गया। फिर भी हाईकोर्ट में एक पक्षपाती कार्रवाई का हवाला देकर याचिका दाखिल की गई। अब उसे हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया जा रहा है, लेकिन वह पहुंच नहीं रही है। दूसरी ओर, तीन साल से वंदना पांडेय नौकरी पाने की आस लगाकर बीएसए दफ्तर के चक्कर काट रही हैं, उनकी कोई सुनने वाला नहीं है।”

अयोध्या की रहने वाली वंदना पांडेय ने विशिष्ट बीटीसी के माध्यम से 2007 में शिक्षक भर्ती के लिए सिद्धार्थनगर में आवेदन किया था। जब भर्ती की मेरिट सूची जारी हुई तो उसमें वंदना का नाम नहीं था। इसके बाद वंदना ने फिर दोबारा किसी भी शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन नहीं किया।

साल 2020 में फर्जी शिक्षक भर्ती मामले की जांच कर रही एसआईटी की ओर से अयोध्या की रहने वाली वंदना को जब नोटिस भेजा गया तो वंदना और उनके परिवार के लोग परेशान हो गए, क्योंकि उन्हें तो नौकरी मिली ही नहीं थी। नोटिस के अनुसार, वह गोरखपुर के जंगल कौड़िया में स्थित प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका के पद पर कार्यरत हैं।

वंदना ने विभाग से जानकारी ली तो पता चला कि उनके दस्तावेज पर बंदना पांडेय नौकरी कर रही थी। इसके बाद वंदना ने (बंदना उर्फ अर्चना) फर्जी शिक्षिका पर केस दर्ज कराया, जिसके बाद उसे जेल भेज दिया गया और विभाग ने उसे बर्खास्त भी कर दिया।

इस निर्णय के विरोध में फर्जी शिक्षिका हाईकोर्ट चली गई और कहा कि बिना उनका पक्ष जाने कार्रवाई कर दी गई। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद बर्खास्त शिक्षिका को अपना पक्ष रखने के लिए दो बार बेसिक शिक्षा कार्यालय बुलाया गया, लेकिन वह नहीं पहुंची

मैं ही हूं असली वंदना…मुझे नौकरी दें

वंदना पांडेय ने बताया कि वह यह जानने के बाद कि उनके दस्तावेज पर कोई और नौकरी कर रहा है तो इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के कार्यालय के चक्कर काट रही हैं। बावजूद इसके अबतक नौकरी नहीं मिल सकी है। अब 26 सितंबर के बाद फिर से गोरखपुर आकर स्थिति की जानकारी लूंगी।

गोरखपुर बीएसए रमेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि बंदना को अपना पक्ष रखने के लिए दो बार नोटिस जारी कर बुलाया जा चुका है, लेकिन अबतक वह अपना पक्ष रखने नहीं आई हैं। अगर वह 26 सितंबर तक अपना पक्ष रखने कार्यालय नहीं पहुंची तो इसकी रिपोर्ट हाईकोर्ट भेज दी जाएगी।

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