Nag Panchami 2023:नाग पंचमी कल, जानिए शुभ संयोग, पूजाविधि, महत्व और शुभ मुहूर्त - Nag Panchami 2023 Date Shubh Yog Rare Coincidence Shubh Muhurat Timing Importance And Puja Vidhi -
Sun. Dec 10th, 2023
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Nag Panchami 2023: जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प संबंधी दोष होता है तो इससे मुक्ति पाने के लिए नाग पंचमी के दिन उपाय किए जाते हैं।
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


Nag Panchami 2023: कल नाग पंचमी का पर्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर एक वर्ष श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। हिंदू धर्म में नाग पंचमी एक प्रमुख त्योहार है और यह पर्व सावन के महीने में मनाया जाता है। सावन का महीना भगवान शिव का सबसे प्रिय माह होता है। जिसमें भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष रूप से पूजा आराधना होती है। भगवान शिव के गले में नाग देवता हमेशा लिपटे रहते हैं और नाग भगवान शिव को बहुत ही प्रिय होते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा-उपासना करने पर नाग देवता के साथ भोलेभंडारी भी अत्यंत प्रसन्न होते हैं। नाग पंचमी के पर्व पर सभी प्रमुख नाग मंदिरों में नाग देवता की पूजा होती है। जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प संबंधी दोष होता है तो इससे मुक्ति पाने के लिए नाग पंचमी के दिन उपाय किए जाते हैं। इस बार नाग पंचमी बहुत ही शुभ योग में मनाई जा रही है। आइए नाग पंचमी के बारे में जानते हैं सबकुछ।

नाग पंचमी 2023 तिथि और शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग की गणना के अनुसार सावन शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 21 अगस्त 2023 की मध्य रात्रि 12 बजकर 21 मिनट से शुरू हो जाएगी जो अगले दिन यानी 22 अगस्त की रात्रि 02 बजे समाप्त हो जाएगी। इस तरह से नाग पंचमी का त्योहार 21 अगस्त 2023, सोमवार के दिन है। नाग पंचमी पर भगवान शिव और नाग देवता की पूजा का विधान होता है। ऐसे में पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 53 मिनट से सुबह 08 बजकर 30 मिनट तक निर्धारित किया गया है। 

नाग पंचमी 2023 शुभ योग

इस वर्ष नाग पंचमी पर बहुत ही अच्छा और शुभ संयोग बन रहा है। नाग पंचमी का त्योहार सोमवार के दिन पड़ रहा है। सोमवार का दिन भगवान शिव का समर्पित है और यह सावन महीने का आठवां सोमवार भी होगा। वहीं नाग पंचमी के दिन 2 शुभ योग का निर्माण हो रहा है। 21 अगस्त को सुबह से लेकर रात 09 बजकर 04 मिनट तक शुभ योग होगा। फिर इसके शुक्ल योग शुरू हो जाएगा। नाग पंचमी के दिन सुबह 11 बजकर 55 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त होगा।

नाग पंचमी का महत्व 

नाग पंचमी के दिन नाग देवता की विशेष रूप से पूजा करने का महत्व होता है। सांपों से अपने परिवार की रक्षा करने के लिए नाग पंचमी पर्व का नागों की पूजा की जाती है। इसके अलावा जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष होता है उन्हें नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने पर इस दोष से छुटकारा मिलता है। नाग पंचमी पर सभी प्रमुख नाग मंदिरों में भारी भीड़ होती है। उज्जैन का नागचंद्रेश्वर मंदिर वर्ष सिर्फ एक बार नाग पंचमी के दिन ही खुलता है। ऐसी मान्यता है कि यहां पर नागदेवता की पूजा और दर्शन करने से कालसर्प खत्म हो जाता है। नाग पंचमी के दिन सांपो को दूध अर्पित किया जाता है। नाग पंचमी के दिन अनंत, तक्षक, कालिया और वासुकि समेत सभी नागों की पूजा की जाती है।  

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नाग पंचमी पूजन विधि

नाग पंचमी का पर्व भगवान शिव के प्रिय नाग देवता की पूजा के लिए समर्पित है। पूजन के लिए घर के दरवाजे के दोनों तरफ नाग की आठ आकृतियां बनाकर हल्दी, रोली, चावल, घी, कच्चा दूध, फूल एवं जल चढ़ाकर नाग देवता की पूजा करें। इस दिन एक दिन पूर्व बनाए गए भोजन का भोग लगाने का विधान है। इसके अलावा शिवालयों में भगवान शिव के गले की शोभा बढ़ाने वाले तांबे के नाग की भी पूजा की जाती है। पूजन के बाद नाग देवता की आरती करें और वहीं बैठ कर नागपंचमी की कथा पढ़ें।

मान्यता है कि नागपंचमी पर सांपों को दूध चढ़ाने से अक्षय-पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही नागदेवता की पूजा से घर में धन आगमन का स्रोत बढ़ता है। नाग देवता की पूजा के साथ भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। इस दिन रुद्राभिषेक कराने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। नाग पंचमा के दिन पूजा के दारौन इस मंत्र का जाप जरूर करें।  “ॐ नमोस्तु सर्पेभ्यो ये के च पृथिवीमनु ये अन्तरिक्षे ये दिवि तेभ्यः सर्पेभ्यो नम:”।

नाग पंचमी 2023 और उपाय

– जिन लोगों की कुंडली में अगर कालसर्प दोष होता है तो उन्हें नाग पंचमी के दिन भगवान शिव की पूजा करें और शिव तांडव स्त्रोत का पाठ करें। 

– नाग पंचमी के दिन चांदाी से बने नाग-नागिन की पूजा करे और इसके बाद इसे बहते हुए जल में अर्पित कर दें। 

– कालसर्प दोषों से मुक्ति के लिए रुद्राभिषेक करना चाहिए। इससे कुंडली में मौजूद सभी दोष खत्म हो जाते हैं। 

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