चंद्रमा पर कब उतरेगा चंद्रयान-3? ISRO ने बताया समय; जानें क्‍यों हुआ रूस का लूना-25 क्रैश -
Sat. Dec 9th, 2023
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नई दिल्‍ली. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने घोषणा की है कि चंद्रयान-3, 23 अगस्त को शाम 6:04 बजे चंद्रमा की सतह पर उतरने के लिए तैयार है. चंद्रयान-3 का रविवार तड़के दूसरा डीबूस्टिंग ऑपरेशन सफलतापूर्वक पूरा हुआ है. इसके साथ ही मिशन का अंतिम चरण चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की ओर संचालित है. चंद्रयान-3, मून एक्‍सप्‍लोरेशन सीरीज में भारत का तीसरा मिशन 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था.

इस स्‍पेसक्राफ्ट ने 5 अगस्त को लूनर आर्बिट में प्रवेश किया था और यह 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला है. ISRO अंतरिक्ष एजेंसी ने एक्स (Twitter) पर पोस्ट कर लैंडिंग के समय की घोषणा की और लोगों को उनकी शुभकामनाओं और सकारात्मकता के लिए धन्यवाद दिया है.

रूस का मून मिशन हुआ फेल, लूना-25 से संपर्क खत्‍म
रूसी समाचार एजेंसी TASS के मुताबिक, रूस का चंद्र मिशन लूना-25 विफल हो गया है क्योंकि अंतरिक्ष यान चंद्रमा की सतह से टकरा गया. समाचार एजेंसी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस की रिपोर्ट में बताया गया है कि स्वचालित स्टेशन ‘लूना-25’ के साथ संचार बाधित हो गया है. पोस्ट में कहा गया, “अपनी प्रारंभिक गणना के अनुसार, स्टेशन एक ऑफ-डिज़ाइन कक्षा में चला गया और चंद्रमा की सतह से टकरा गया.”

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मिशन की सफलता को लेकर आश्वस्त, लेकिन…
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (आईआईए), बेंगलुरु की निदेशक प्रोफेसर अन्नपूर्णी सुब्रमण्यन ने कहा कि वह इसरो के चंद्रयान -3 की सफलता को लेकर आश्वस्त हैं. उन्‍होंने कहा कि हम बिना किसी समस्या के वहां पहुंच जाएंगे. लेकिन यह आखिरी 30 किमी है; वे काफी महत्वपूर्ण होंगे. अंतरिक्ष के पैरामीटर विशाल हैं और इसमें जटिलताएं शामिल हैं. इसकी हमेशा एक छोटी सी गैर-शून्य संभावना रहेगी कि यह गलत हो सकता है और हम इसे खत्म नहीं कर सकते. लेकिन मुझे पूरा यकीन है कि हम इस बार ऐसा करेंगे. सुब्रमण्यम ने कहा, ‘इसमें बड़ी तैयारी की गई है और चंद्रयान-3 के सफल होने की संभावना सबसे ज्यादा है.’

लैंडर मॉड्यूल दूसरे और अंतिम डिबॉस्टिंग ऑपरेशन से गुजरा
चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल का रविवार को दूसरा और अंतिम डिबॉस्टिंग ऑपरेशन सफलतापूर्वक हुआ. इससे अब एलएम कक्षा घटकर 25 किमी x 134 किमी हो गई है. इसके बाद, इसरो ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स पर पोस्ट किया, ‘मॉड्यूल को आंतरिक जांच से गुजरना होगा और निर्धारित लैंडिंग साइट पर सूर्योदय का इंतजार करना होगा.’ चंद्रयान-3 23 अगस्त को शाम 5:45 बजे अपनी संचालित लैंडिंग शुरू करने वाला है.

Tags: Chandrayaan-3, ISRO, Russia

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