यरिन बैग की जगह कोल्ड ड्रिंक की बोतल लगाने वाले जमुई सदर अस्पताल में फिर बड़ी लापरवाही, किडनी पेशेंट से खिलवाड़! -
Sat. Dec 9th, 2023
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हाइलाइट्स

सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में फिर दिखी लापरवाही.
डायलिसिस को मरीज को ब्लड बैग से चढ़ाया आधा ब्लड.
मरीज ने बताया डॉक्टर ने कहा-ब्लड बैग में बचा चीज पानी.
अस्पताल अधीक्षक ने बताया- ब्लड बैग में बचा है प्लाज्मा.

जमुई. सदर अस्पताल में मरीज को यूरिन बैग के बदले कोल्ड ड्रिंक की खाली बोतल लगाने के बाद एक और लापरवाही का मामला सामने आया है. इमरजेंसी वार्ड से स्वास्थ्यकर्मियों ने लापरवाही से किडनी के डायलिसिस वाले मरीज को ब्लड बैग से खून चढ़ा दिया. मरीज के अनुसार, डॉक्टर ने बताया कि बैग में पानी बचा है तो अस्पताल अधीक्षक ने इसमें प्लाज्मा होने की बात कही. बताया जा रहा है कि इस मरीज का हीमोग्लोबिन का लेवल बहुत कम था.

इमरजेंसी के पुरुष वार्ड में काफी देर तक किडनी डायलिसिस मरीज रविंद्र ताती अपने बेड पर पड़ा दिखा, जहां उसके बगल में एक स्टैंड पर लटका आधा ब्लड बैग भी नजर आया. कुछ देर के बाद इसका एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने लगा. अस्पताल पहुंचकर जब इस बारे में पूछा गया तो मरीज और उसके परिजनों का कहना था कि डॉक्टर ने उन्हें बताया कि इस ब्लड बैग अब खून नहीं रहने के कारण पूरी तरह से नहीं चढ़ाया गया, जबकि यह ब्लड बैग सदर अस्पताल के ब्लड बैंक से मिला है.

हालांकि, इमरजेंसी वार्ड में स्टैंड पर लगा ब्लड बैग में बचा ब्लड साफ दिख रहा था. मरीज रविंद्र तांती और उसके बेटे मंतोष कुमार ने बताया कि बी पॉजिटिव ब्लड ग्रुप का एक बैग सदर अस्पताल के ब्लड बैंक से चढ़ने के लिए मिला था, जब आधा ब्लड चढ़ गया तब यह बोलकर आगे चढ़ाने से मना कर दिया गया कि इसमें अब ब्लड नहीं बचा है पानी है. आशंका जताई जा रही है कि कहीं मरीज को एक्सपायर्ड ब्लड बैग तो चढ़ाने के लिए नहीं दे दिया गया.

आखिर ब्लड बैग में पानी कहां से आया? इस मामले में ब्लड बैंक के लैब टेक्नीशियन बलदेव पासवान ने बताया कि पानी मिलने का कोई सवाल ही नहीं, ब्लड बैंक में केमिकल डालने से प्लाज्मा और आरबीसी अलग-अलग हो जाता है. अस्पताल में जिस कर्मी ने ब्लड चढ़ाने के लिए लगाया उसकी लापरवाही है. उसे चाहिए था कि ब्लड बैग को मिलाकर लगाता, डायलिसिस का मरीज है. इसे उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा, लेकिन अगर गर्भवती महिला का या मामला होता तो केस बिगड़ सकता था.

लापरवाही वाले इस मामले में सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ नौशाद अहमद ने कुछ भी साफ जवाब नहीं दिया. उनका कहना था कि मरीज को जितनी जरूरत थी उतनी ब्लड चढ़ी है, बैग में बचा प्लाज्मा है. हालांकि, अब लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि आखिर ऐसा तो नहीं देखा गया है की किसी मरीज को एक यूनिट ब्लड बैग लगाया जाता है तो उसे बगैर पूरी चढ़ाए उसकी जरूरत पूरी हो जाती है.

Tags: Bihar latest news, Bihar News, Bihar viral news, Jamui news, Social Viral

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