किसी ने हमारा यकीन नहीं किया, भगवान ने ही VIDEO वायरल किया होगा: पत्नी को निर्वस्त्र कर परेड कराने पर छलका कारगिल योद्धा का दर्द -
Sat. Dec 9th, 2023
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हाइलाइट्स

मण‍िपुर ह‍िंसा और मह‍िलाओं को न‍िर्वस्‍त्र कर घुमाने के मामले का 19 जुलाई को वीड‍ियो वायरल हुआ
वीड‍ियो वायरल होने के बाद से पूरे देश में बवाल मचा है और व‍िपक्ष पूरी तरह से हमलावर है
इस घटना की 18 मई को कांगपोकपी जिले के सैकुल पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई थी जीरो एफआईआर

इंफाल. मण‍िपुर ह‍िंसा और मह‍िलाओं को न‍िर्वस्‍त्र कर परेड कराने की घटना को लेकर सड़क से संसद तक हंगामा है. मण‍िपुर ह‍िंसा के दौरान जि‍न मह‍िलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराया गया, उनमें से एक का पति 65 वर्षीय कारग‍िल युद्ध का योद्धा रहा है. कारगिल युद्ध लड़ चुके रिटायर्ड जवान का कहना है कि ‘भगवान ने यह सुनिश्चित करने के लिए ही परेड वाला वीडियो वायरल किया होगा ताकि सच सामने आ जाए.’ बता दें कि 4 मई की इस ह‍िंसा का वीडियो 19 जुलाई को वायरल हुआ था, जिसके बाद सड़क से लेकर संसद तक इसकी गूंज सुनाई दे रही है.

द इंड‍ियन एक्‍सप्रेस में प्रकाश‍ित खबर के मुताब‍िक, 65 वर्षीय कारगिल युद्ध के योद्धा, जिनकी पत्नी को मणिपुर में 4 मई की हिंसा के दौरान भीड़ द्वारा निर्वस्त्र कर घुमाया गया था, का कहना है क‍ि इस घटना का सच सबके सामने आ जाए, इसल‍िए भगवान ने यह सुनिश्चित करने के लिए (यौन उत्पीड़न का) वीडियो वायरल किया होगा. राज्‍य में भड़की ह‍िंसा के दूसरे दिन भीड़ ने उस पूर्व जवान की पत्नी और दो अन्य कुकी-ज़ोमी महिलाओं को निशाना बनाया था. इस घटना का वीडियो काफी समय बाद 19 जुलाई को सामने आया, ज‍िसके बाद पूरे देश में आक्रोश पैदा हो गया.

दरअसल, कारग‍िल युद्ध लड़ चुके पूर्व सैनिक ने बताया क‍ि इस मामले में सैकुल पुल‍िस स्‍टेशन में 18 मई को शिकायत दर्ज कराई गई थी. इस श‍िकायत के आधार पर 18 मई को कांगपोकपी जिले के सैकुल पुलिस स्टेशन में एक जीरो एफआईआर दर्ज की गई थी. लेक‍िन वीड‍ियो वायरल होने से पहले तक इस मामले पर पुलिस या सरकार की ओर से किसी ने भी हमें फोन नहीं किया था.

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पूर्व सैनिक के मुताबिक, इस मामले में कार्रवाई बहुत पहले हो जानी चाह‍िए थी. लेक‍िन जब इस घटना के बारे में बताया तो क‍िसी ने इस पर व‍िश्‍वास नहीं क‍िया था. वीड‍ियो वायरल होने से पहले क‍िसी को इस पर व‍िश्‍वास नहीं हुआ. चूड़ाचांदपुर शहर में एक कॉलेज के कमरे में महिलाओं के परिवार रहते हैं.

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सेना के र‍िटायर्ड पीड़ित जवान का कहना है क‍ि उनका सेना में करीब 30 साल का लंबा करियर रहा है. वह जब 18 वर्ष के थे, जब एक सैनिक के रूप में असम रेजिमेंट में शामिल हुए थे और 2000 के दशक के अंत में सूबेदार के रूप में कई पदकों के साथ सेवानिवृत्त हुए. इस दौरान उन्होंने अपने गांव को गौरवान्वित किया और युवाओं को सेना में शामिल होने के लिए प्रेरित भी किया.

उन्होंने देश के अंदर और बाहर कई खास ऑपरेशनों में ह‍िस्‍सा ल‍िया है. इसमें ऑपरेशन रक्षक (जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियान) और असम, पंजाब और जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन राइनो, साथ ही भारतीय शांति बल के हिस्से के रूप में श्रीलंका में ऑपरेशन पवन का हिस्‍सा भी रहे. वह सैन्य सेवा पदक, ऑपरेशन विजय पदक, विदेश सेवा पदक और एक विशेष सेवा पदक सहित कई पदकों से सम्‍मान‍ित हो चुके हैं.

बटालियन का हिस्सा रहे एक पूर्व सेना अधिकारी ने उन्हें एक अच्छे फुटबॉल खिलाड़ी और जमीन से जुड़े व्यक्ति के रूप में याद किया. लेफ्टिनेंट कर्नल कौशिक सरकार (सेवानिवृत्त) ने उन्हें याद करते हुए कहा कि जब यूनिट श्रीलंका में थी तो वह अपेक्षाकृत नए सदस्य थे, लेकिन जब ऑपरेशन विजय के दौरान वह उनके साथ तंगधार में सेवा कर रहे थे तो वह एकदम कठोर  सैनिक थे. 65 वर्षीय र‍िटायर्ड सैनिक का कहना है क‍ि घटना के बाद से उन्हें अपनी यूनिट के अधिकारियों के साथ-साथ पूर्व सैनिक संघ से भी फोन आ रहे हैं.

करीब दो सप्ताह पहले वायरल वीडियो के बाद से महिलाओं और उनके परिवारों का जीवन एक तरह से तबाह हो गया है. दोनों पीड़ित और उनके परिवार चुराचांदपुर में राहत शिविरों में रह रहे थे, लेकिन एक बार वीडियो सामने आने के बाद उनके जनजाति के नेताओं ने उन्हें “सुरक्षित क्षेत्र” में शिफ्ट कर दिया, जिसके स्थान के बारे में उनके पर‍िवार के बेहद करीब‍ी लोगों का भी कहना है कि वे इससे अनजान हैं.

पीड़ितों में से एक, जिसकी उम्र 21 वर्ष है, ने चुराचांदपुर छोड़ दिया था और कांगपोकपी जिले में अपने पति के घर में रह रही थी. हालांकि, वीडियो के बाद, आदिवासी नेताओं ने भी उसे “सुरक्षित क्षेत्र” में स्थानांतरित कर दिया. जानकार लोगों के मुताब‍िक वह 20 जुलाई को अपने पति का घर छोड़कर चली गई थी और 2 दिन बाद एक यात्रा के माध्यम से चुराचांदपुर पहुंची, जिसमें कम से कम चार वाहन बदलने शामिल थे. 19 जुलाई से अब तक सरकार के दो लोग पीड़ितों से मिल चुके हैं- मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके और राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा. पुलिस की एक टीम ने पिछले हफ्ते उनके बयान दर्ज किए हैं.

इस बीच देखा जाए तो पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला की ओर से एक हलफनामा दायर क‍िया गया था. इसमें कहा गया था कि चुराचांदपुर में नागरिक समाज संगठनों के प्रतिरोध के कारण, पीड़ितों से आज तक राज्य के अधिकारियों द्वारा शारीरिक या टेलीफोन पर संपर्क नहीं किया जा सका है. राज्य सरकार और कुकी-ज़ोमी समुदाय (Kuki-Zomi community) के बीच तनाव के बीच, आदिवासी नेताओं ने कहा कि तीन महिलाओं तक पहुंच को साफ किया जा रहा है.

प्रकाश‍ित र‍िपोर्ट के मुताब‍िक यौन उत्पीड़न के दिन, 21 वर्षीय लड़की के पिता और छोटे भाई को भी भीड़ ने मार डाला था. उनकी मां, जो अभी भी अपने पति और बेटे दोनों को खोने के सदमे से जूझ रही हैं, उसने बताया क‍ि एक मां के रूप में मैं मजबूत रहने की कोशिश कर रही हूं ताकि मेरी बेटी अच्छी और स्वस्थ रहे. मेरा दिल टूट गया है और सच तो यह है कि मैं ज्यादातर समय रोती रहती हूं. पिछले दो हफ्तों में बहुत से लोग आ रहे हैं. लेकिन एक बात यह है कि मैं डरी हुई नहीं हूं. हमें काफी सुरक्षा में रखा गया है. उन्होंने यह भी कहा क‍ि यह कल्पना करना कठिन है कि इतना कुछ होने के बाद दोनों समुदायों के लिए एक साथ रहना कैसे संभव होगा.

Tags: Manipur violence, Manipur violence update, Manipur Viral Video

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